जब झोलि मे आया एक और सितरा
उफनते सागर को मिल गया एक किनरा
तुमने मेरे बाग को हरा-भरा कर दिया
मेरे घर में फिर चिराग रौशन कर दिया
एहसास हो मेरे जीवन का, धडकन का
तुम अब सहरा बनो इस नदी के तट का
दिल कहता हे अब तुम भी सुन लो
तुम मेरे हो,तुम मेरे हो-----
मैं अब मौन रहू अब तुम गाओ
फूले अमलतास जैसे खिल जाओ
नहीं आज तुम पर कोई पहरे
जीवन के दिन हो सुन्दर सुनहरे
तुम दीप कि तरह जगमगओ
तुम सृष्टी की सुरभि बन जओ
क्योकीं मेरा-
दिल कहता हे अब तुम भी सुन लो
तुम मेरे हो,तुम मेरे हो-