मंगलवार, 7 अगस्त 2012


संरक्षित खाद्द्य पदार्थ भाग-2
              
संरक्षित खाद्द्य पदार्थ भाग-1 मे मैने अचार मुरब्बे के बारे मे लिखा था.आज दो  अहम संरक्षित खाद्द्य पदार्थ इस सूची मे जुड रहे  है वे दो अन्य खाद्द्य पदार्थ है-बडी-पापड.
          आज बहूत तेज वर्षा का क्रम जारी है ऐसे मे घर से बाहर सब्जी खरीदने निकलना तो दूर बडा कठीन भी है.साथ ही साथ पानी कि वजह से सडी-गली सब्जी खरीदने के स्थान पर कोई अन्य उपाय निकालना बेहतर समझा . अपनी माँ के साथ ग्रिष्म ऋतु मे बनाई बडी कि याद हो आई.बचपन से मेरे घर मे बडी बनाने कि एक प्रथा सी है और मै भी उसकी उपयोगिता समझकर व्यसतता के बीच भी बडी तन्मयता से अपनी बेटी के साथ उस प्रथा को निभाने का भरसक प्रयत्न करती हूँ.
           मूंग दाल,चना दाल,उडद दाल के साथ बनाई जाने वाली बडी अनेको प्रकार से बनाई जाती है.कोई सभी दालो को मिलाकर ,तो कोई अलग-अलग दालो मे कुछ सब्जियाँ आदी मिलाकर बनाते है तो कुछ केवल दालो के साथ.
         घर मे बचपन से मूंग एवं चना दाल कि बडी बनाई जाती है दाल को रातभर भिगो कर रखा जाता है. सुबह उसका पानी निथार कर पत्थर पे थोडा दरदरा पिसा जाता है बिल्कुल नाम मात्र के पानी के साथ पिसते वक्त उसमे अदरक ,जीरा ,मिर्च आदी मसाले मिलाये जाते है.पिसी दाल का घनापन इतना हो कि वह फैले नही. मेरी माँ बडी रचनात्मक एंव कलात्मक प्रवृती कि है जब हम बचपन मे बडी बनाते तो वे हम दोनो  बहनो के बीच एक प्रतियोगीता रख देती कि कौन आकार मे एक जैसी और उसके डालते वक्त सुंदर डिज़ाइन कि रचना करता है और हम दोनो बहने खेल-खेल मे बहूत सारी बडी चुटकी मे बना देते थे.
        आज मैने इन्ही बडी का उपयोग सब्जी बनाने किया .आलू तो सभी सब्जियों का सखा है.टमाटर कि ग्रेवी के साथ हरिमिर्च और धनिया पत्ती इसके स्वाद को दोगुना कर देती है.इस शुद्ध शाकाहारी सब्जी के आगे अनेको नामांकित सब्जीयाँ फिकी पड जाती है.साथ मे भूना पापड और गर्म-गर्म रोटियाँ वाह!!!! बारिश का आनंद दोगुना हो जाता है.
    उडद और चने की दाल के आटे से बने पापड के भी क्या कहने.वो तो किसी भी ॠतु मे कभी भी ,समारोह मे भी अपनी आमद दर्ज करता है.बचपन मे आस-पडौस कि चाची-मौसी के साथ इन्हे बनाने का अपना अलग मजा था.ये आस-पडौसी का मिलन समारोह भी हुआ करता था.उम्र मे छोटी हम बहने कडक गूंथे आटे से छोटे-छोटे पापड बनाती ,फिर माँ ,चाची मौसी उन्हे बडा आकार देती .हम बच्चे उन्हे सुखाने मे मदद करते.
     ऐसे अनेको संरक्षित खाद्द्य पदार्थ है जो गाहे- बगाहे ,परेशानियो मे हमारी मदद करते है हमारी रसोईमे.