सोमवार, 26 नवंबर 2018

भावनाओं का खेल

भावनाओं का खेल

बह गये हैं ,आजकल
शब्दों के आकार
नदी के प्रवाह में मिलने वाले,
चिकने पत्थरों के समान
जो बस लूढकते रहते हैं
यहाँ-वहाँ
शब्दों के बहाव के संग
और
फिर प्रवाह की धार कम होते ही
भावनाएँ होने लगती हैं
कुंद

"नयना"


बुधवार, 23 मई 2018

जन्मदिवस खास-अभिलाषा

समय  ने कैसे इतनी दूरी नाप ली पता ही नहीं चला. छोटी-छोटी खुशियाँ, जरुरते,छोटे-छोटे सपने कब जिम्मेदारियों मे बदल गये. वक्त कितनी दूरियाँ पार कर गया. माँ के रूप में मैने तुममे अपना प्रतिबिंब देखा और मुझे गर्व है  जो अपनी बाधाओं , मुश्किलों का सामना हिम्मत के साथ करते हुए अपने मार्ग को प्रशस्त करते आगे बढ रही हैं.सतत कर्मनिष्ठा,अथक प्रयास,जुझारू प्रवृत्ति तुम्हें सबसे उच्च स्थान पर रखते हैं तुम मुझ मेंं और मैं तुमसे हूँ.
जन्मदिवस की अनन्त शुभकामनाओं के साथ😀😘😘
एक खूबसूरत सा
नजराना
जो ईश्वर ने डाला था
मेरी झोली में
जीवन को
अर्थ पूर्ण बनाने के लिए
उसकी
चमकती मोहक
आँखो की झिलमिल
कंठ से निकलता
एक-एक सूर, मानोतार सप्तक की मधुर तान
गूंजायमान है चहूँ ओर
और
मैं भींग रही हूँ
सुखद अहसासों की इन
नन्हीं-नन्हीं बूँदों से
मन आशीष दे रहा

सदा खुश रहो
बनो सबकी प्रेरणा
मेरी ऊर्जा का स्रोत
मेरी "अभिलाषा"