स्त्री सखी महिला क्लब की अध्यक्षा आभा तिवारी क्लब की सदस्यो को संबोधित कर कहती है--सखियो!!!!
" ये है सरल तनेजा ये हमारे "स्त्री-सखी " क्लब की नयी सदस्या इनके पति इन्कम टेक्स विभाग मे ऊँचे ओहदे पर है और ये स्वंय भी कई कलाओ ,विधाओ मे निपुण है.
"कमनीय काया आधुनिक वस्त्रो,बाब्ड केश विन्यास,गहरे मेकअप मे वे सभी से हाथ जोड मिठे स्वर मे कहती है--"
"धन्यवाद सखियो आप लोगो से मिलकर बडा अच्छा लग रहा है."
सभी सदस्यो के बीच उनकी उम्र को लेकर कनाफुसी शुरु हो जाती है.हरेक अपना-अपना अंदाज़ लगाने मे व्यस्त है.
तभी आज खेले जाने वाले विभिन्न स्पर्धाओ की घोषणा होती है.
जैसा कि हमेशा होता है कई कलाओ ,विधाओ मे निपुण सरल तनेजा का आज डंका बज उठता है.सभी सखियाँ उन्हे घेर तरह-तरह के सवाल करती है साथ ही हँसने-हँसाने का दौर जारी है कि अचानक--
"रात्रि भोज का स्वाद लेने कि घोषणा आभा जी करती है"
हम उम्र सखियो के ३-४ समूह बना सभी का भोजन के साथ साथ विभिन्न चर्चाओं का दौर चल रहा है,जिसमे सरल जी की उम्र,पति का ओहदा मुख्य है.
सरल जी भी सभी से बारी-बारी से मुखातिब हो रही है कि----.
अचानक उनकी उँची आवाज़ सुन सखिया मुड के देखती है तो---
सरल जी सिनियर महिलाओ के समूह मे जहाँ अपनी-अपनी बहुओ की हुआ--हुआ चल रही है,
वे अपनी ओढी उम्र भुला सबके सुर-में-सुर मिलाकर बहु की ‘हुआ-हुआ’------------
बाकी सखियाँ अचंभित और आवाक -----
" ये है सरल तनेजा ये हमारे "स्त्री-सखी " क्लब की नयी सदस्या इनके पति इन्कम टेक्स विभाग मे ऊँचे ओहदे पर है और ये स्वंय भी कई कलाओ ,विधाओ मे निपुण है.
"कमनीय काया आधुनिक वस्त्रो,बाब्ड केश विन्यास,गहरे मेकअप मे वे सभी से हाथ जोड मिठे स्वर मे कहती है--"
"धन्यवाद सखियो आप लोगो से मिलकर बडा अच्छा लग रहा है."
सभी सदस्यो के बीच उनकी उम्र को लेकर कनाफुसी शुरु हो जाती है.हरेक अपना-अपना अंदाज़ लगाने मे व्यस्त है.
तभी आज खेले जाने वाले विभिन्न स्पर्धाओ की घोषणा होती है.
जैसा कि हमेशा होता है कई कलाओ ,विधाओ मे निपुण सरल तनेजा का आज डंका बज उठता है.सभी सखियाँ उन्हे घेर तरह-तरह के सवाल करती है साथ ही हँसने-हँसाने का दौर जारी है कि अचानक--
"रात्रि भोज का स्वाद लेने कि घोषणा आभा जी करती है"
हम उम्र सखियो के ३-४ समूह बना सभी का भोजन के साथ साथ विभिन्न चर्चाओं का दौर चल रहा है,जिसमे सरल जी की उम्र,पति का ओहदा मुख्य है.
सरल जी भी सभी से बारी-बारी से मुखातिब हो रही है कि----.
अचानक उनकी उँची आवाज़ सुन सखिया मुड के देखती है तो---
सरल जी सिनियर महिलाओ के समूह मे जहाँ अपनी-अपनी बहुओ की हुआ--हुआ चल रही है,
वे अपनी ओढी उम्र भुला सबके सुर-में-सुर मिलाकर बहु की ‘हुआ-हुआ’------------
बाकी सखियाँ अचंभित और आवाक -----