शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014

विश्वासघात

बहुत खुश थी अनु आज.आदिश भी तो कई दिनों के बाद इतना खिलखिला कर हँस रहे थे.सच तो है
उनके जिगरी दोस्त अनिल आये थे कई सालों बाद.अनिल और आदिश  बचपन से साथ पढे,खेले थे .यहाँ तक की दोनो से लगभग-लगभग साथ ही अपना करियर शुरु किया और विवाह भी मात्र २०-२५ दिनों के अंतराल से.हनीमून मनाने भी वे चारों साथ-साथ गये थे "मुन्नार" केरल मे.वापस आकर दोनो अपने-अपने काम मे व्यस्त हो गये.मेरी और अनिल की पत्नी रुचा की फोन पर बात होती रहती थी .वह भी इंजीनियरिंग कर चुकी थी सो कुछ ही दिनो मे उसने भी एक कम्पनी का पदभार ग्रहण कर लिया और वे हमसे दूर अमेरिका जा बसे.
इधर मैने भी अपना
कंपनी सचिव का अध्ययन पूर्ण कर लिया .  एक छोटी सी राज कुमारी की माँ भी बन गयी थी.कब साल बिता पता ही नही चला .मैने भी अपने घर से व्यवसाय करने का सोचा लेकिन तब आदिश ने बेटी का वास्ता देकर मेरे बढते क़दमों को रोक लिया.वे नही चाहते थे कि बेटी झुलाघर मे बडी हो.लाख कोशिश के बावजूद मैं घर से अपने व्यवसाय को चला नही पाई कोई न कोई  घरेलू रुकावट मेरा रास्ता रोक लेती.
आदिश से किसी प्रकार के सहयोग की उम्मीद मैने छोड दी थी वे भी  तो अतिव्यस्त हो चले थे इन दिनों. .धीरे-धीरे मैं घर मे ही रम गई.बेटी की पढ़ाई ,घर की व्यवस्थित देखभाल,रिश्तेदारों का आना-जाना,माँ-बाबा की देखभाल मे कोई कसर नही छोडी.
ये सब सोचते-सोचते मैं नाश्ता-चाय तैयार कर रही थी दोनो दोस्तों के लिये. ख़ुश थी कि चलो बहुत दिनो बाद आदिश आज दिल खोलकर हँसरहे है.नाश्ता-चाय तैयार कर मे जैसे ही बालकनी के पास पहुँचती हूँ अपना नाम आदिश  के मुँह से सुनकर वही ठिठक जाती हूँ.नारी सुलभ विचार मन मे कौंध जाते है दिल उछ्लने लगता  कि----
ज़रूर आदिश मेरी तारीफ़ कर रहे होंगे कि किस तरह मैने उनके घर को सम्हाल कर उन्हें इन सब तनावो से मुक्त रखा है. मगर ये क्या---  :(  अनिल के ये कहने पर कि चलो हम भी हाथ बँटा देते है भाभी का वरना उन्हे आँफिस मे देर हो जायेगी  आदिश तुरंत बोल उठते है --नही यार मैने उसे कुछ करने ही नही दिया वरना वो मुझसे आगे निकल जाती और मैं यही का यही रह जाता.अनु  ज्यादा सशक्त और होशियार थी मुझसे.
हाथ से ट्रे गिरते-गिरते बच जाती है मानो सब कुछ लूट गया हो उसका.
फिर सारी शक्ति एकत्रित कर  वो एक निर्णय लेकर ही आगे बढती है कि आज के बाद उसे खुद को भी अपने आप को आदिश और परिवार के सामने  सिद्ध करना है कि वो नारी तो है लेकिन दुर्गा ,लक्ष्मी,चंडिका भी है.