सुधा बिस्तर पर पड़े-पड़े सोच रही है कल "सूमी" की भी फिस भरना है.भैया को क्या जवाब दूँ
"सुनो!!! अचानक सुधीर की आवाज़ से चौक गयी."
"कहो!!"
"क्या बात है कब से देख रहा हूँ सिर्फ़ करवटे बदल रही हो, चुप-चुप भी हो."
"कुछ नही"
"यू घुलते रहने से तो समस्या हल नहीं होगी ना,मैने सुबह फोन पर भैया से बातें करते सुन लिया था"
बाबूजी की लंबी बीमारी के चलते उन्हें जरुरत आन पड़ी होगी,कितनी उम्मीद से पहली बार उन्होने तुमसे सहायता माँगी है.वरना हरदम तो वे देते ही रहे है.
"जाओ बेटी होने का फर्ज अदा करो.कुछ रुपये लाकर रखे है मैने अलमारी मे."
भावविह्हल हो सुधा की आँखें भर आई.सुधीर ने कस कर सुधा का हाथ थाम लिया.
नयना(आरती)कानिटकर
१९/१२/२०१५
"सुनो!!! अचानक सुधीर की आवाज़ से चौक गयी."
"कहो!!"
"क्या बात है कब से देख रहा हूँ सिर्फ़ करवटे बदल रही हो, चुप-चुप भी हो."
"कुछ नही"
"यू घुलते रहने से तो समस्या हल नहीं होगी ना,मैने सुबह फोन पर भैया से बातें करते सुन लिया था"
बाबूजी की लंबी बीमारी के चलते उन्हें जरुरत आन पड़ी होगी,कितनी उम्मीद से पहली बार उन्होने तुमसे सहायता माँगी है.वरना हरदम तो वे देते ही रहे है.
"जाओ बेटी होने का फर्ज अदा करो.कुछ रुपये लाकर रखे है मैने अलमारी मे."
भावविह्हल हो सुधा की आँखें भर आई.सुधीर ने कस कर सुधा का हाथ थाम लिया.
नयना(आरती)कानिटकर
१९/१२/२०१५