मंगलवार, 1 दिसंबर 2015

"व्रत"फासले---विषय आधारित


गुड मार्निग दोस्तो कैसे हो सब लोग ?रात को अच्छे से नींद आई ना सबको, नेहा ने जैसे ही वार्ड मे प्रवेश किया सभी के चेहरे पर मुस्कान छा गई।”
नेहा रोज के नियमानुसार सभी के हाथों गुलाब का फूल थमाते उनको प्यार की झप्पी देती जा रही थी ।तभी--
“रुको नेहा!!!हाथ थामते हुए निमेश ने कहा-तुम्हारी सेवा से मेरे मन का सारा मैल धुल चूका हैं।”
“वो मेरी बड़ी भुल थी । मुझे माफ कर दो मुझे अपने किए का पछतावा हैं और फिर तुम जो मेरी सेवाss---
“नहीं-नहीं ये अब ना हो पाएगा । वो तो मैने नर्स की ट्रेनिंग के बाद सेवा की ली हुई शपथ का परिणाम है।
“निमेश!!शरीर के घाव तो दवा से मिट सकते हैं ,दिल पर जो गहरा घाव तुमने दिया उसे भूलना असंभव है।
हमारे बीच के फासले को अब यू ही रहने दो।"
हाथ छुडा नेहा अगले मरीज की तरफ बढ़ गई।
नयना(आरती)कानिटकर
०१/१२/२०१५