मंगलवार, 8 मार्च 2011

पहचान से

जीना है हरपल,
खुदकी अपनी---
पहचान से
पूरी करना हरपल
ख्वाहीशे अपनी
पहचान से
नजरिया समाज क हरपल
बदलेगे अपनी
पहचान से
बहेगे नदी कि तरह
निरन्तर अपनी
पहचान से
रुके कन्या भृण हत्या हरपल
लडेंगे अपनी
पहचान से
नही झूकेंगे दहेज कि वेदी पर हरपल
डटेंगे निर्णय पर अपने
पहचान से
शंखनाद करेगे हरपल
वजूद का अपनी
पहचान से
प्रकृति द्वरा निर्धारीत
मकसद में हरपल
जीएंगे इत्मिनान से
पहचान से