शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

नारी शक्ति

आने वाले महिला दिवस के लिये विशेष
मै भारत की नरी शक्ति
घर की चौखट से बोल रही हूँ
दबे जो  दर्द सीने मे मेरे
सबके आगे खोल रही हूँ
घर और समाज के बीच
अपने आप को तौल रही हूँ,
मै भारत की----

वादे तुमने बहूत किये है
चाँद-तारे तोड लाने के
मेरे अरमानो को हरदम
हथेली पर सहलाने के
उपर से मै हरी-भरी हूँ
घर-घर मे सौ बार मरी हूँ
मै भारत  -----

सोचा था इतिहास लिखूँगी
कुरीतियो से हरदम लडूगी
लेकिन मेरी हिम्मत का गला
घर-घर मे सबने घोट दिया है
कुरीतियो के संग जीने को
दूनिया ने मजबूर किया है
मै भारत की----

अपनी पीडा कभी ना बताई
हँसकर एक-एक ईंट चुनाई
सफलता पर कभी ना इठलाई
फिर हरदम क्यो मूँह दिखलाई
मै भारत की-----

रोशनी की चाह मे हरदम
दूर किया घर का अंधेरा
छोड दिया अमृत का प्याला
हरदम पिया जहर कसैला
मै भारत की-

स्त्रीत्व मे  मातृत्व का अभिमान
चुनकर ब्रम्हा ने दिया वरदान
किन्तु आज इस कोख पर
ये कैसा आघात हुआ है
अस्तित्व के साथ इस पर
ये कैसा प्रतिघात हुआ है
मै भारत की-----

जाने कब एहसास ये होगा
स्थान मेरा भी खास होगा
जाने कब जीवन व्यर्थ ना होगा
इस जीवन का कुछ अर्थ भी होगा
मै भारत की-----
लेकिन
चाहे अब पथ संकीर्ण हो मेरा
सत्य-पथ मे पथिक साथ ना हो मेरा
देनी पडे चाहे कोई परीक्षा
या फिर हो अग्नि का घेरा
इतिहास मे अब मेरी कहनी
स्त्री ही कहेगी स्त्री की जुबानी
मै भारत की नारी शक्ति
------------------------- continue










मागचे 3-4 दिवस मी "अरुणा ढेरे"ह्यांचे पुस्तक वाचते आहे अर्ध्यावाटेवर त्यातिल काहि वाक्य मझ्या मनात रुजली त्यांना मी कवितेत गुंफण्याचा प्रयत्न केला आहे.बघा आवडतो का?

शब्दांचा अलिकडे थांबणॆ आता शक्य नाही
पण तडफडून शब्दा जवळ जाता  ही येत नाही,
शब्द कधी खूप ताठर, कधी माऊ पणाने भरलेले
पुष्कळ यातना शब्दा मध्ये घर करुन बसलेले
क्षणा मागे दूर लांबवर शब्दांचा वास असतो
आणि आलेले सगळे क्षण आपण शब्दांत भरतो
स्वतःला आपण अज्ञात तरी आपल्या कडे पहातो
ते मर्मस्पर्शी अनुभव ,झगडण,कोसळ्णे शब्दांत भरतो
स्वतः मधले अभाव,अधिक पाझरण ही दूःख असते
सगळ्याची सांगड घालून लिहणारे शब्द म्हण्जे छळ असते
फूला भोवती काँटे खूप
पण सुगंधि फूलाचा वास दे
सरले ढग सगळे जरी
मंद पावसाचा मृदु वास दे
तुझा प्रेमळ साथ दे
उजाडत्या पोर्णिमे मधे
हातात मझ्या हात दे
मावळ्ता चंद्र असला तरी
जीवना चा नाद दे
तुझा प्रेमळ साथ दे
कवितेच्या वाटेवर मला
तुझा आनंदा चा साथ दे