सोमवार, 9 जनवरी 2017

अपने अपने क्षितिज



आदरणिय मेरे सभी मित्र ,शुभचिंतक व मेरे परिवार के सदस्य,**अपने अपने क्षितिज**  का एक छोटा सा  हिस्सा मेरा भी.
कल ०८/०१/२०१७ मेरे जीवन का महत्पूर्ण दिवस था। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले-2017 में 
मेरे प्रथम साझा लघुकथा संकलन **अपने अपने क्षितिज** का विमोचन वनिका पब्लिकेशन्स द्वारा अनेक जाने माने लघुकथा एवं सहित्य के पुरोधाओं के करकमलों से किया गया।
 हालांकि मैं पारिवारिक कारणों से उपस्थित न हो सकी.
मेरे जीवन का अनमोल क्षण है।
जल्द ही  मेरा अपना एकल  संग्रह  " मेराअपना क्षितिज"  चुने    इस हेतु आप सभी के आशिर्वाद की अभिलाषी. 

 आप सभी का ह्रदयतल से आभार  खासकर " नया लेखन नये दस्तखत" के मंच का जहाँ से मैने अपने लघुकथाओ की रचना प्रारंभ की साथ ही लघुकथा- गागर मे सागर , लघुकथा के परिंदे समुह का तहेदिल से शुक्रिया जो मेरी रचनाओ को  तराशने मे सदा  मदद  करते है.

ओ.बी.ओ (http://www.openbooksonline.com/) के एड्मिन समूह  +Yograj Prabhakar