आओ कुछ बात करे
अपने मन के द्वार को खोंल
अहंम कि श्रृंखला को तोड़
मौन को पिले पात सा तोड़
आओ कुछ बात करे
अंधेरे बादल को पिछे छोड
गम से तुरंत नाता तोड़
खुद को सूरज कि किरनो से जोड
आओ कुछ बात करे
कुछ नाता गली से जोड
अकेलेपन को कोलहल से जोड
मन को सडक के शोर से जोड
आओ कुछ बत करे
दुसरे के दर्द का अमॄत पीकर
अनागत के नए सपने बुनकर
मन के बंद दरवाजे खोलकर
आओ खुछ बात करे
आओ कुछ बात करे
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