आओ हम-तुम यू गले मिले
माँ से तो तुम हर रोज मिले,
आओ ख़ुशियाँ मेरे संग बाँटो
जज्बातों कि लहरों को काटो,
मन के छुपे भावो को यू ना रोको
आँसुओ को आँखो मे ना रोको,
ना लगे बात न्याय युक्त तो
मुझ को भी रोको और टोको
फिर
तुमने मुझसे ये दूरी क्यों चुन ली
माँ कि सदा पकड़ ली उँगली,
आओ हम-तुम साथ चले
डाले हाथों मे हाथ चले,
माँ को तो हर दिन याद करो
पर मुश्किलों मे मेरा हाथ धरो,
लो अब हम तुम गले मिले
चले रिश्तों के सुनहरे सिलसिले
माँ से तो तुम हर रोज मिले,
आओ ख़ुशियाँ मेरे संग बाँटो
जज्बातों कि लहरों को काटो,
मन के छुपे भावो को यू ना रोको
आँसुओ को आँखो मे ना रोको,
ना लगे बात न्याय युक्त तो
मुझ को भी रोको और टोको
फिर
तुमने मुझसे ये दूरी क्यों चुन ली
माँ कि सदा पकड़ ली उँगली,
आओ हम-तुम साथ चले
डाले हाथों मे हाथ चले,
माँ को तो हर दिन याद करो
पर मुश्किलों मे मेरा हाथ धरो,
लो अब हम तुम गले मिले
चले रिश्तों के सुनहरे सिलसिले
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