बुधवार, 9 सितंबर 2015

आपसी विश्वास--एक पहलू यह भी

 अरे!!!! नीता दीदी आप इतने साधारण पहनावे मे और गहने कहाँ है??
अपने गले से हार उतारते हुए नीता के गले मे डालते हुए नेहा कहती  है,  आपकी भतिजी के विवाह का अवसर है आज और आप है कि--
  नीता गदगद हो उठती है अपनी भाभी के व्यवहार से. बोल उठती है---
       नेहा उनके मुँह पर अंगुली रख चुप कर देती है,मैं सब जानती हूँ दीदी!!! आपके भाई ने मुझे पहले ही आपकी परिस्थिति से अवगत करा दिया था.मुझे  आप पर और उन पर पूरा विश्वास है.बे वजह आप यू किसी से पैसे उधार-------
    दोनो एक दूसरे के गले लिपट जाती है

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