बहू को अचानक अपने पिता के साथ जाते देख शांती बहन के मन मे कुछ संदेह हुआ।" माँजी!! मै सुनंदा को अपने घर ले जाने आया हू
"हा माँ !!!मैने ही पिताजी को बुला भेजा है"
बात को बीच मे ही काटते माँ दहाड उठी-" जानते हो क्या करने जा रहे हो,समाज के लोग क्या कहेगे?
"माँ आप तो सब जानती थी की --- फिर मै मना भी करता रहा किंतू आप बिन माँ की बच्ची को प्यार और घर मिल जायेगा कहकर समाज मे दिखावे के खातिर जबरन मेरा विवाह----
बात यही खत्म होती तब भी ठिक था .सुनंदा तो बिन माँ की प्यार की भूखी थी,उसने मेरे साथ भी सामंजस्य बैठा लिया आप लोगो से प्यार की लालसा मे."तो अब क्या हुआ?"
"हद तो अब हुई है माँ!!"-जब बडे भैया ने---घर के चिराग का वास्ता देकर----
"और भाभी आप??? --"आप तो एक स्त्री थी,एक स्त्री दुसरी के साथ इस तरह--"
एक मिनट सुनो भैया!! भाभी बोल पडी जब मैं माँ नही बन पा रही तो बाबुजी ने तुम्हारे भैया को ये सब करने को मजबूर किया ये कहकर की घर की बात घर मे रहेगी और एक ही घर का खून भी.तब जबरन उनके कमरे मे ठेल दिया गया
हमने विरोध भी किया मगर--हम कमजोर थे शायद.धन्य है सुनंदा वो मजबूत निकली.
सुनंदा का हाथ थामे सारी जंजीरे तोड रोहन भी पिताजी के साथ घर की दहलीज लांघ गया
नयना(आरती)कानिटकर
"हा माँ !!!मैने ही पिताजी को बुला भेजा है"
बात को बीच मे ही काटते माँ दहाड उठी-" जानते हो क्या करने जा रहे हो,समाज के लोग क्या कहेगे?
"माँ आप तो सब जानती थी की --- फिर मै मना भी करता रहा किंतू आप बिन माँ की बच्ची को प्यार और घर मिल जायेगा कहकर समाज मे दिखावे के खातिर जबरन मेरा विवाह----
बात यही खत्म होती तब भी ठिक था .सुनंदा तो बिन माँ की प्यार की भूखी थी,उसने मेरे साथ भी सामंजस्य बैठा लिया आप लोगो से प्यार की लालसा मे."तो अब क्या हुआ?"
"हद तो अब हुई है माँ!!"-जब बडे भैया ने---घर के चिराग का वास्ता देकर----
"और भाभी आप??? --"आप तो एक स्त्री थी,एक स्त्री दुसरी के साथ इस तरह--"
एक मिनट सुनो भैया!! भाभी बोल पडी जब मैं माँ नही बन पा रही तो बाबुजी ने तुम्हारे भैया को ये सब करने को मजबूर किया ये कहकर की घर की बात घर मे रहेगी और एक ही घर का खून भी.तब जबरन उनके कमरे मे ठेल दिया गया
हमने विरोध भी किया मगर--हम कमजोर थे शायद.धन्य है सुनंदा वो मजबूत निकली.
सुनंदा का हाथ थामे सारी जंजीरे तोड रोहन भी पिताजी के साथ घर की दहलीज लांघ गया
नयना(आरती)कानिटकर