आज बच्चो की याद
मेरी बेटी
मेरी छाया
मन वही बदली है काया
तू मेरी अभिलाषा का स्तंभ
संस्कारो का भरु तुझसे दंभ
माँ के आँचल का तू मान
तेरे पिता की उँची शान
जनमो जन्म तेरी माँ कहलाऊँ
नाचू-गाऊ खूब इठलाऊँ
मेरा बेटा
मेरा साया
रूप पिता का मेरी माया
मेरे जीवन का केन्द्र स्तंभ
तेरे कर्मो का भरु मे दंभ
लड स्थिती से बने तू दृढ
नींव परिवार की बने सुदृढ
फिर
जनमो जन्म तेरी माँ कहलाऊँ
नाचू-गाऊ खूब इठलाऊँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें