गुरुवार, 26 नवंबर 2015

व्यक्तित्व निर्माण


 चारों ओर चमकती रौशनी,डीजे पर थिरकति जोड़ियाँ,भिन्न-भिन्न व्यंजनो की खुशबू  ने पूरे वातावरण मे मादकता घोल दी  थी। पार्टी पूरे शवाब पर थी कि अचानक एक समूह से तल्ख बातचीत की आवाज़ सुनाई दी.अमित अंजू   से बडी तल्खि से पेश आ रहा था। आदिश ने जब एतराज़ जताया तो वह उससे उलझ पडा और फिर बात तू-तू,मैं-मैं तक पहुँच गयी।
     जरा चलो अमित!!अंजू ने बाँह पकड़ लगभग खिंचते हुए उसे कुर्सी  पर बैठाया। प्यार से उसका हाथ पकड़ माथे पर बच्चों सा सहलाने लगी। सभी का ध्यान उसकी और खींच गया। थोड़ी ही देर मे सामान्य होने पर वह उसका हाथ थामे डांस फ़्लोर पर थिरकने लगी,अमित भी अब सामान्य हो अन्य गतिविधियों मे संलग्न हो गया।
"अंजू तुम कैसे सह लेती हो अमित का यह व्यवहार,मैं तो जरा भी बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी.फिर तुम मे भी क्या कमी है। "
"बात कमी कि नहीं है नेहा!! तू तो जानती हो अमित एक भयंकर कार दुर्घटना से उबरकर हमारे साथ है। पुनर्जीवन मिला है उन्हे । दवाओं ने उन पर बुरा असर डाला है।
अभी मेरे बच्चे भी बडे हो रहे है ,सबसे बडी बात उनके व्यक्तित्व निर्माण का दौर चल  है ये। ऐसे मे अमित रूपी नींव के डगमगाते खंभे को मैं ही तो मज़बूती से थाम सकती हूँ। तभी माइक पर आवाज़ गुंजी---
" आज के ईवेंट के बेस्ट कपल है----"
अमित ने कस कर अंजू का हाथ थाम लिया।
नयना(आरती) कानिटकर

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