शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

मुझे जीने दो-विषयआधारित

अस्पताल पहूँचते ही  हृदय जोर-जोर से धड़कने लगा,कही इस बार भी डाक्टर ने लड़की---
" तभी नर्स ने आवाज़ लगाई सुगंधा!!!--आइए"
जाँच के लिये डाक्टर ने जैसे ही स्टैथौस्कोप लगाया. अंदर से आवाज़ आई-"मुझे जीने दो" "मुझे जीने दो"
 डाक्टर ने इस बार स्टैथौस्कोप का डायफ़्राम पेट पर रख ईयरटिप मेरे कानों मे लगा दी थी.फिर आवाज़ गुंजी"मुझे बचा लो माँSSSS "प्लीज़ "मुझे जीने दो".मेरा शरीर बुरी तरह थरथर कांपने लगा.
 पसीने से तरबतर  डाक्टर के हाथों से स्टैथौस्कोप नीचे गिर गया और वे धम्म से कुर्सी मे समा गई.
नयना(आरती) कानिटकर
२७/११/२०१५


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