"मातृछाया"
अटैची मे सामान जमाते-जमाते एक तस्वीर हाथ लग गई और खो गई पुरानी यादों मे....।
कोख हरी ना होने पर घर-परिवार के तानो से तंग आकर आखिर उसने सुधीर को दूसरे विवाह की इजाज़त दे दी थी और स्वयं चली आई थी "मातृछाया" में।.
शुरुआती दिनों मे जो काम हाथ आता झाड़ू-पोंछा,बच्चों के कपड़े धोना, नहलाना, कभी-कभी खाना बनाना ...सब करती ।
आखिर उसका सेवा भाव देखकर संस्था के संचालको ने उन्हे रहने का कमरा देकर बच्चों की देखभाल के लिये नियुक्त कर लिया.बस तब से दिन-रात अनाथ नवजात बच्चों की माँ हो गई थी।
"सुनंदा अम्मा! जल्दी करो आपके स्टेशन जाने का वक्त हो गया है।"
बच्चों का सब सामान करीने से रखते हुए सुनंदा अपनी मैनेजर से कहती जा रही थी...।
देखो खुशी! सब बातों का ध्यान रखना बच्चों को कोई तकलीफ़ ना हो और...।
"हा! हा! अम्मा आनंद से तीर्थयात्री कर आओ. मैं सब सम्हाल लूँगी। कोई बहुत दिनो की बात तो है नहीं जब लौट आओ तो फ़िर सारे डोर ले लेना अपने हाथ। चलो अब आपका आटो आ गया।"
अपना सामान ले बाहर निकलने को थी कि अचानक आँगन मे रखे झूले से नवजात के रोने की आवाज़ गूँजी।
दौडकर बच्चे को सीने से लगाया।
"खुशी! मेरी अटैची अंदर ले जाओ."
नयना(आरती)कानिटकर
भोपाल
अटैची मे सामान जमाते-जमाते एक तस्वीर हाथ लग गई और खो गई पुरानी यादों मे....।
कोख हरी ना होने पर घर-परिवार के तानो से तंग आकर आखिर उसने सुधीर को दूसरे विवाह की इजाज़त दे दी थी और स्वयं चली आई थी "मातृछाया" में।.
शुरुआती दिनों मे जो काम हाथ आता झाड़ू-पोंछा,बच्चों के कपड़े धोना, नहलाना, कभी-कभी खाना बनाना ...सब करती ।
आखिर उसका सेवा भाव देखकर संस्था के संचालको ने उन्हे रहने का कमरा देकर बच्चों की देखभाल के लिये नियुक्त कर लिया.बस तब से दिन-रात अनाथ नवजात बच्चों की माँ हो गई थी।
"सुनंदा अम्मा! जल्दी करो आपके स्टेशन जाने का वक्त हो गया है।"
बच्चों का सब सामान करीने से रखते हुए सुनंदा अपनी मैनेजर से कहती जा रही थी...।
देखो खुशी! सब बातों का ध्यान रखना बच्चों को कोई तकलीफ़ ना हो और...।
"हा! हा! अम्मा आनंद से तीर्थयात्री कर आओ. मैं सब सम्हाल लूँगी। कोई बहुत दिनो की बात तो है नहीं जब लौट आओ तो फ़िर सारे डोर ले लेना अपने हाथ। चलो अब आपका आटो आ गया।"
अपना सामान ले बाहर निकलने को थी कि अचानक आँगन मे रखे झूले से नवजात के रोने की आवाज़ गूँजी।
दौडकर बच्चे को सीने से लगाया।
"खुशी! मेरी अटैची अंदर ले जाओ."
नयना(आरती)कानिटकर
भोपाल
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