दोनो ने एक अनाथ बच्ची गोद लेने का निर्णय लिया था ताकी वक्त रहते बच्ची का सही पालन-पोषण किया जा सके और घर की रौनक को चार चाँद लग जाए।
इस निर्णय से घर में तो हंगामा मच गया था....
घर वालो की जिद के आगे खर्चिली, अनआशवस्त आय.वी.एफ़, तकनीक अपनाने का निर्णय लिया गया। बच्चा सिजरियन होगा यह पहले से तय था। वह अब पूरे दिनों मे चल रही थीं।
आखिर तय हुआ की इस अमुक तारीख़ को , इतनी बजे बच्चे का जन्म कराया जाए तो सारे ग्रहयोग उसके साथ होने से उसके जीवन मे राजयोग होगा।
मिनल के थोड़ा असहज महसूस करते ही मोहित ने डा,रेखा से संपर्क कर अस्पताल...
"अरे! कुछ ना होगा माँ बेटे को. अभी राहु थोडा वक्री चल रहा है।जल्द मार्ग बदलने वाला है। पिताजी अड़े रहे अपनी बात पर, इधर मिनल के हालात...
डा,रेखा ने तुरत-फुरत आपरेशन की तैयारी की किंतु बच्चे को...
एक माँ की ख़ुशियाँ हमेशा के लिए वक्री हो सलाख़ों मे कैद हो गई.
नयना(आरती)कानिटकर
भोपाल
२०-०४-२०१६
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें