गुरुवार, 4 मार्च 2021

*मेरा भाई*

*मेरा भाई*


नजर में बसा है 

तेरा बचपन 

चाहे पार किए  हो बावन 


खेला करते थे हम 

अष्ट -चंग की गोटियाँ


तुम खींचा करते थे 

छोटी बहन की चुटिया


कुँए से पानी खींचा करते थे 

घर आँगन सींचा करते थे  


नज़र में बसा करता है 

अब भी वो बचपन 


यशस्वी हो सदा तुम  जग में 

नहीं कंटक हो तुम्हारे पथ में 


भाभी संग खुशियों की कलियाँ 

हँसी की अनगिनत लड़िया


माँ -बाबा संग साथ तुम्हारे

विश्वा- देव भी जीवंत तारे

 

आओ माथे पर टिमकाना लगाऊ

दुनिया की बुरी नजरों से बचाऊ




*** जन्मदिवस  की अनेकानेका शुभकामनाएँ भाई ****


©नयना(आरती)कानिटकर

०५/०३/२०२१ 



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