हमारे दोनो बच्चे छोटे-छोटे थे. दोनो को अचानक घूमने जाने का बहुत शौक चढ़ आया। जिद कर बैठे शिमला-मनाली जाने क। परिवार के साथ .... पूरे १० तीन का टूर प्लान किया था हमने। रेल्वे के स्लिपर क्लास और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से घूमना ...आहा !! कितना आनंद दायक था।
गंतव्य तक पहुँच कर वहाँ रूकने के लिए होटल में सस्ता कमरा तलाशने के लिए तुम बाहर होकर आते मैं बच्चों और सामान के साथ प्रतीक्षालय मे बैठकर इंतजार करती।
.... हम कई जगह घूमें .....लेकिन तरीका ये होता कि एक जगह से दूसरे जगह बस से रात के सफ़र का टिकट लेते कोई एक ही जाकर ...फिर रूकते भी एक ही कमरा लेकर .. सामान उसमें रख देते बारी-बारी नहाकर तैयार होते ,नाश्ता साथ करते ...और अपनी पसंद के अनुसार घूमते दिन भर । तब हमारे पास एक कैमरा था पुराना.आखिरी दिन बिटिया ने कैमरा सेट कर भागकर मेरे पिछे गले मे बाहें डालकर और बेटा तुम्हारे गले मे बाहें डाले "पहला सेल्फ़ि "लिया था हमने । बाद मे दो कापी बनाई थी , ताकी दोनो बच्चे फोटो के लिये आपस मे झगड़ा ना करे । दोनो ने अपने-अपने बक्से मे रख दिया उसे सहेज कर।
बेटी को विदा करने के बाद आज जब सब मेहमान भी रवाना हो गये ,तो मैने बेटी की यादों का बक्सा खोल लिया और ये तस्वीर हाथ आ गयी. तभी तुम भी पहुँच गये.
बेटी के साथ गुजारे क्षणों का " थोडा सा चंद्रमा "सिमट आया मेरे आँचल मे और तुम भी भावुक हो गये.
नयना(आरती) कानिटकर
गंतव्य तक पहुँच कर वहाँ रूकने के लिए होटल में सस्ता कमरा तलाशने के लिए तुम बाहर होकर आते मैं बच्चों और सामान के साथ प्रतीक्षालय मे बैठकर इंतजार करती।
.... हम कई जगह घूमें .....लेकिन तरीका ये होता कि एक जगह से दूसरे जगह बस से रात के सफ़र का टिकट लेते कोई एक ही जाकर ...फिर रूकते भी एक ही कमरा लेकर .. सामान उसमें रख देते बारी-बारी नहाकर तैयार होते ,नाश्ता साथ करते ...और अपनी पसंद के अनुसार घूमते दिन भर । तब हमारे पास एक कैमरा था पुराना.आखिरी दिन बिटिया ने कैमरा सेट कर भागकर मेरे पिछे गले मे बाहें डालकर और बेटा तुम्हारे गले मे बाहें डाले "पहला सेल्फ़ि "लिया था हमने । बाद मे दो कापी बनाई थी , ताकी दोनो बच्चे फोटो के लिये आपस मे झगड़ा ना करे । दोनो ने अपने-अपने बक्से मे रख दिया उसे सहेज कर।
बेटी को विदा करने के बाद आज जब सब मेहमान भी रवाना हो गये ,तो मैने बेटी की यादों का बक्सा खोल लिया और ये तस्वीर हाथ आ गयी. तभी तुम भी पहुँच गये.
बेटी के साथ गुजारे क्षणों का " थोडा सा चंद्रमा "सिमट आया मेरे आँचल मे और तुम भी भावुक हो गये.
नयना(आरती) कानिटकर